फौजा राम मेघवाल
जालोर। प्रदेश भर की सभी सरकारी स्कूलों में 11 अक्टूबर को स्कूल की होनहार बेटी एक दिन की संस्थाप्रधान के रूप में कार्य करेगी। साथ ही स्टाफ व विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने के साथ ही शिक्षिका के रूप में शिक्षण कार्य भी करेगी। इस दिन अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस होने से सरकार ने इस दिन को अनूठे ढंग से मनाने के लिए ये पहल की है।
दरअसल, राज्य सरकार ने इस दिन को बालिका शक्ति अलिखित अविलय का नाम दिया है। इस दिन सभी स्कूलों में मीना मंच, गार्गी मंच के माध्यम से शिक्षिका व आत्मरक्षा प्रशिक्षिका की प्रशिक्षित शिक्षिका का सहयोग लेते हुए तीन गतिविधियां करानी होंगी।
आदेश जारी
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी के नाम आदेश जारी किया है। जिसमे सभी सरकारी स्कूलों के संस्थाप्रधान को बालिका दिवस पर उक्त गतिविधि की अनिवार्य रूप से पालना सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
एक दिन बालिका के नाम
इस दिन प्रार्थना सभा में स्कूल के मौजूदा संस्थाप्रधान स्कूल की होनहार बेटी का नाम घोषित करेंगे। जिसे एक दिन का संस्थाप्रधान बनाया जाएगा। प्रार्थना सभा में ये छात्रा संस्थाप्रधान के रूप में सम्बोधित करेंगी। इसके बाद ऑफि स में बैठेगी। स्टाफ व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति दर्ज करेंगी। कक्षा में जाकर शैक्षणिक स्तर की जांच करेंगी।
हाथ पर छाप लगा शपथ
स्कूल समय समाप्ति के समय एक दिन की संस्थाप्रधान द्वारा स्कूल की सभी छात्राओं को जीवन मे लक्ष्य लेकर आगे बढऩे, उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण करने तक पढ़ाई बन्द नहीं करने, अपने सपने साकार करने, आत्म निर्भर बनने की शपथ दिला हाथ पर छाप
ये गतिविधि भी होंगी
इस दिन स्कूल में नाटक मंच का कार्यक्रम होगा। विविध प्रतियोगिता होगी। मनपसंद महिला रोल मॉडल के सम्बंध में अभिव्यक्ति होगी। साथ ही विविध कार्यक्रम के रूप में छात्राओं को अपने सपने पूरे कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
अच्छी पहल है
ये एक अच्छी पहल है। इससे बालिकाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी उत्साह बढ़ेगा।