ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से पेट्रोल-डीजल की किल्लत, फल-सब्जी महंगे: हिट एंड रन कानून में सजा-जुर्माने का विरोध, राजस्थान-एमपी समेत 10 राज्यों में ज्यादा असर
Delhi: देशभर के ट्रक ड्राइवर हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार के नए कानून के प्रावधानों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर हैं। इसकी वजह से विभिन्न राज्यों में पेट्रोल-डीजल, सब्जी जैसी अति आवश्यक चीजों की आवाजाही पर असर दिख रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए हिंट एंड रन कानून के विरोध में पूरे देश में ट्रक और डंपर चालकों ने चक्का चाम कर दिया. उनका कहना है कि ये कानून गलत है और इसे वापस लेना चाहिए. इसी मांग को लेकर मुंबई, इंदौर से लेकर दिल्ली-हरियाणा, यूपी समेत कई जगहों पर ट्रक चालकों ने अपने-अपने ट्रक सड़कों पर खड़ा कर जाम लगा दिया.
आपको बता दे देशभर में नए हिट एंड रन कानून के विरोध में बस और ट्रक ड्राइवरों की बेमियादी हड़ताल आज भी जारी है। दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में ट्रक ड्राइवर हड़ताल कर रहे हैं। हड़ताल की वजह से पेट्रोल पंपों पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है। कई शहरों में पेट्रोल-डीजल की कमी भी हो रही है। दिल्ली में बसों और ट्रक की कतारें लगी हुई हैं। यात्री परेशान हो रहे हैं, लेकिन बस ड्राइवर चलने को तैयार नहीं है। जानकारी के मुताबिक देशभर में तीन दिनों की हड़ताल बुलाई गई है। ट्रक ड्राइवरों की इस हड़ताल का असर आम आदमी की जेब पर पड़ सकता है। हड़ताल की वजह से खाद्यान्न, दवाईयां और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो सकती है।
क्या है हिंट एंड रन कानून?
दरअसल केंद्र सरकार ने अपराध को लेकर नए कानून बनाए हैं, जिसके तहत अगर कोई ट्रक या डंपर चालक किसी को कुचलकर भागता है तो उसे 10 साल की जेल होगी. इसके अलावा 7 लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा. पहले इस मामले में कुछ ही दिनों में आरोपी ड्राइवर को जमानत मिल जाती थी और वो पुलिस थाने से ही बाहर आ जाता था. हालांकि इस कानून के तहत भी दो साल की सजा का प्रावधान था.
नए कानून के खिलाफ ट्रक चालकों में गुस्सा
सरकार के इस फैसले के बाद ट्रक चालकों में भारी आक्रोश है. इनका कहना है कि यह सरासर गलत है. सरकार को यह कानून वापस लेना होगा. इसको लेकर ग्रेटर नोएडा के ईकोटेक 3 क्षेत्र में भी ट्रक ड्राइवर्स ने वाहन खड़े कर जाम लगा दिया और जमकर नारेबाजी की. हालांकि पुलिस के समझाने पर उन्होंने अपने वाहन हटा दिए।
हड़ताल से जरूरी चीजों के दाम बढ़ेंगे?
हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिलेगा। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की सप्लाई नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुक जाएगी, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत होगी।
क्यों हड़ताल पर बैठे हैं ट्रक ड्राइवर?
गौरतलब है कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर सात लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है। इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भी विरोध किया है। AIMTC के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि यह नियम आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सिडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो कि हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है। भारत की सड़क परिवहन बिरादरी भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत हिट एंड रन के मामलों पर प्रस्तावित कानून के तहत कठोर प्रावधानों के संबंध में सहमति नहीं जताती है।
हिट एंड रन मामले को आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। विशेष केस में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ दी जाती है।
अब संशोधन क्या?
संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद अगा कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा।
AIMTC ने क्या कहा?
AIMTC का कहना है कि देश में एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। इसके कारण मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती और ड्राइवर को दोषी करार दिया जाता है। दुर्घटनास्थल से भागने की किसी ड्राइवर की मंशा नहीं होती है, लेकिन आसपास जमा भीड़ से बचने के लिए ऐसा करना पड़ता है।