जिसके कंधे पर मेरी अर्थी जानी थी उसी की अर्थी को कंधा देना पड़ रहा है पिता-हरिंद्र का रो रो कर हो रहा है बुरा हाल,
पुत्र की दीर्घायु का पर्व जीवित्पुत्रिका के दिन ही सजी बेटे की अर्थी मां छाती पीट/पीट कर रोती रही,मृतक की पत्नी हुई बेसुध
प्रदीप बच्चन (ब्यूरो चीफ बलिया यूपी)
बलिया(यूपी) के मनियर थाना क्षेत्र के ग्राम सभा-चंदायर मे जीवित्पुत्रिका के दिन गुजरात प्रदेश से एंबुलेंस से आया एक युवक का शव,गांव मे मचा कोहराम,परिजनों का रो रो कर हुआ बुरा हाल
प्राप्त जानकारी के अनुसार
बलिया(यूपी) के थाना-मनियर क्षेत्र के ग्राम-चंदायर निवासी हरिंद्र राम का पुत्र सत्येंद्र कुमार 25 वर्ष, कुछ माह पूर्व रोजगार हेतु गुजरात प्रदेश के अहमदाबाद(सरयान) मे गया हुआ था।वहां एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मे कार्य कर रहा था। कि अचानक उसे टाइफाइड बुखार हो बीमार पड़ गया।बताया जाता है कि कंपनी मालिक ने उसे तुरंत अस्पताल मे समुचित उपचार हेतु भर्ती करा दिया।जहां उसकी तबियत मे सुधार के बजाय,बात बिगड़ती गई।बताया जाता है कि कंपनी सेठ ने उसे तुरंत एक अच्छे अस्पताल मे भर्ती कराया।जहां कुछ दिन उपचार चला।फिर बात बिगड़ गई और डॉक्टरों ने दिनांक 23 सितंबर दिन सोमवार को सत्येंद्र कुमार को मृत घोषित कर दिया।उसी दिन कागजी कार्यवाही के बाद डॉक्टरों ने शव को मृतक के साथ रह रहे रिश्तेदारों व कंपनी सेठ को सौप दिया।
परिजनों ने हमारे वरिष्ठ संवाददाता-प्रदीप बच्चन को बताया कि सेठ ने अपने खर्चे से देर किए बिना,एंबुलेंस द्वारा शव को,मृतक के पैतृक गांव गुजरात(अहमदाबाद) सरयान से (उत्तर प्रदेश) जिला बलिया के थाना मनियर अंतर्गत ग्राम-चंदायर परिजनों के पास भेज दिया।लगभग 19 सौ किलोमीटर की यात्रा तय कर, तीन दिन पर एंबुलेंस दिनांक-25 सितंबर को शव लेकर गांव मे पहुंची तो गांव के लोगों में मातम पसर गया।उधर माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत की तैयारी मे लगी थी। कि गांव मे शव आने की सूचना से चारो तरफ कोहराम मच गया। सभी की आंखे नम हो गईं।सभी के आखों से अश्रुधारा बह रहे थें। पिता/माताएं/भाई/बहनों,सगे/संबंधियों का रो रो कर हाल बेहाल हो गया।पिता हरेंद्र का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था। वे रो रो कर कहने लगे”जिसके कंधे पर मेरी अर्थी जानी थी,आज उसी की अर्थी को कंधा देना पड़ रहा है, हाय रे विधाता”
बताया जाता है कि मृतक-सत्येंद्र कुमार चार भाइयों मे मझवाला( 2nd) था। वे अपने पीछे 21वर्षीय पत्नी-(रानी) व छः वर्षीय पुत्री-(रोही) के साथ माता/पिता,भाई/बहन के साथ भारापुरा परिवार को छोड़ अलविदा कर गया।
परिजनों,नाते/रिश्तेदारों के साथ साथ गांव के सैकड़ों लोगों द्वारा पार्थिव शरीर को गांव के शवदाह गृह मे,बुधवार की शाम, अग्नि को समर्पित कर दिया गया।जिसमे गांव के प्रधान प्रतिनिधि-संतोष,रमेश,रिटायर्ड प्रधानाध्यापक-हरनारायण जी,पूर्व प्रधान-छितेश्वर वर्मा,(बीएसपी) जिलाध्यक्ष-ओम प्रकाश भारती, जिला कोषाध्यक्ष-प्रभाचन्द बौद्ध,विधानसभा(सिकंदरपुर) महासचिव-मंजीत यादव,विधानसभा प्रभारी-सुनील गौतम,समाजसेवी-मनोहर यादव,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष-अजीत “बबलू”,अध्यापक गण-अशोक,अनिल,मनोज,जितेंद्र के साथ अंजनी,छोटेलाल,संतोष(एसबीआई),धर्मपाल इत्यादि सैकड़ों लोग शवदाह गृह पर मौजूद रहे।