Mobile Addiction :-
आजकल मोबाइल का एडिक्शन यानि लत (Mobile Addiction) हर उम्र और वर्ग के लोगों में लगातार देखी जा रही है. लोग अपने दिन की शुरुआत भी मोबाइल को देखते हुए ही करते हैं. सुबह आंखें खोलते ही मोबाइल (Mobile Use in Morning) का इस्तेमाल करना बेहद घातक साबित हो सकता है।
उठते ही मोबाइल इस्तेमाल करने की आदत पड़ सकती है भारी, जानिए नुकसानहर दिन की सुबह अपने साथ एक नई एनर्जी लेकर आती है लेकिन सुबह उठते ही यदि आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने लगते हैं तो इससे आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. यदि आप सुबह उठते ही आंखें खोलते के साथ ही मोबाइल चलाते हैं तो मोबाइल से निकलने वाली ब्लू लाइट आपके रेटिना (Retina) को सीधा नुकसान पहुंचाती है जिससे आंखों में कई तरह की बीमारियां हो सकती है।
हर दिन की सुबह अपने साथ एक नई एनर्जी लेकर आती है लेकिन सुबह उठते ही यदि आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने लगते हैं तो इससे आपको कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आपकी ये आदत कई बीमारियों को दावत दे सकती है।
आईए जानते हैं मोबाइल के दुष्प्रभाव –
कार्टिसोल हार्मोन्स स्तर होता है कम –
सुबह के समय कार्टिसोल हार्मोन्स स्तर कम होता है. कार्टिसोल स्ट्रेस देने वाला हार्मोन होता है और ऐसे में यदि आप सुबह उठकर मोबाइल देखते हैं तो इसके साथ कई तरह का अनावश्यक तनाव आपके भीतर प्रवेश कर जाता है. जो शारीरिक और मस्तिष्क की सामान्य प्रक्रिया में बाधा डालता है।
नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश –
सुबह उठते ही जब हम मोबाइल चलाते हैं तो हम देखते हैं. कई बार बहुत सारी नकारात्मक चीज़ें भी हमें देखने को मिलती है, जिससे हमें दिन की शुरुआत करने के पहले ही नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर जाती है और हम पूरे दिन डिस्टर्ब फील करते हैं।
मेंटल प्रेशर –
यदि आप सुबह उठते ही मोबाइल फोन चैक करने लगते हैं तो इससे आप को तनाव और एंजाइटी की समस्या भी झेलनी पड़ती है. हम जैसे ही सुबह मोबाइल उठाते है तो एक साथ कई मैसेज, मेल्स और नोटिफिकेशन आने लगते हैं. जो आपकी चिंता का कारण बन सकते हैं जिससे आपका ब्लड प्रेशर भी ऊपर-नीचे होता है तो यदि दिन की शुरुआत मेंटल प्रेशर से करेंगे तो दिन भर तनाव में रहेंगे।
आंखों को नुकसान –
यदि आप सुबह उठते ही आंखें खोलते के साथ ही मोबाइल चलाते हैं तो मोबाइल से निकलने वाली ब्लू लाइट आपके रेटिना (Retina) को सीधा नुकसान पहुँचाती है जिससे आँखों में कई प्रकार की बीमारियां हो सकती है।
रीढ़ की हड्डी पर प्रेशर –
ज़्यादा देर तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से रीढ़ की हड्डी पर प्रेशर पड़ता है. जिससे लिगामेंट में स्पेन का ख़तरा बढ़ जाता है ऐसी स्थिति में मसल्स हार्ड होने लगती है और डिस्क में परेशानी होने का खतरा बढ़ जाता है।
सिर दर्द, गर्दन में दर्द की समस्या –
आज कल सिर दर्द, गर्दन में दर्द की समस्या आम होती जा रही है. कई बार हम देखते हैं कि लंबे समय तक एक ही पोज़ीशन में बैठकर मोबाइल को चलाते रहते हैं सुबह उठते भी जब हम करवट लेकर मोबाइल चलाते हैं तो इससे सिद्धार्थ और गर्दन में दर्द जैसी समस्या सामने आती हैं।
30 मिनट से ज्यादा फोन का इस्तेमाल नहीं करें –
कई स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि 30 मिनट से ज्यादा फोन का इस्तेमाल करने से हाइपरटेंशन की दिक्कत हो रही है. साथ जो बच्चे रेग्युलर वीडियो गेम्स खेलते हैं वह फिजिकल और मेंटली तौर पर बीमार हो जाते हैं. किसी भी उम्र के व्यक्ति को मोबाइल से बचकर ही रहना चाहिए. यह आपको डिजिटल डिटॉक्स कर रहा है. ऐसे में पता होना चाहिए कि किसी व्यक्ति को कितनी देर तक मोबाइल का इस्तेमाल करना है. और वक्त रहते इसे छोड़ देना चाहिए. मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से सेहत बिगड़ी भी सकती है।
एक डॉक्टर की सलाह –
यूनाइटेड वी केयर की क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. वसुधा अग्रवाल के मुताबिक –
एंजाइटी एक परेशान करने वाली भावना है, जिसमें लोगों को हर वक्त लगता है कि कुछ ठीक नहीं है, भले ही सब कुछ ठीक हो. एंजाइटी से पीड़ित होने पर लगता है कि जैसे अचानक कुछ खतरनाक होने वाला है. ऐसी कंडीशन में लोगों के दिल की धड़कन तेज हो जाती है, हथेलियों पर पसीना आ जाता है, शरीर कांपने लगता है और मांसपेशियों में तनाव जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. अगर वक्त रहते एंजाइटी को कंट्रोल न किया जाए, तो यह डिप्रेशन का रूप ले सकता है. आज के जमाने में बच्चों को स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की आदत लग रही है, जिससे उन्हें एंजाइटी और डिप्रेशन का खतरा बढ़ रहा है. इससे बच्चों की मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित हो रही है. हालांकि कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनसे पेरेंट्स बच्चों को इस समस्या से बचाया जा सकता है. बच्चों की गलत आदत को छुड़ाने के लिए पेरेंट्स को सभी कोशिशें करनी चाहिए।
डॉ. वसुधा अग्रवाल कहती हैं कि सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों के डिजिटल कंटेंट की लिमिट तय करें, जो चीजें बच्चों की सेहत पर असर डालती हैं, उन्हें बच्चों को न देखने दें. यह पेरेंट्स की जिम्मेदारी है. बच्चों के डिजिटल एक्सपोज़र का टाइम कम कर दें. इसके अलावा बच्चों की डाइट प्लान करें, ताकि उनकी ओवरऑल हेल्थ बेहतर हो जाए. मोबाइल की लत छुड़ाने के लिए बच्चों को बाहर खेलने के लिए ले जाएं. बाहर ले जाकर बच्चों को महत्वपूर्ण गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करें, जिससे उनकी क्रिएटिविटी बढ़ सके. हमारे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए पेरेंट्स को सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करना चाहिए. इससे आप बच्चों की मोबाइल की आदत छुड़वा सकेंगे और उनकी हेल्थ को बेहतर कर पाएंगे।
बच्चों को खूब प्यार करें और खुलकर बात करें –
डॉ. वसुधा अग्रवाल के अनुसार बच्चों को खूब प्यार और दुलार करके आप उनकी गलत आदतों को छुड़वा सकते हैं. आप बच्चों के मन में झांकने की कोशिश करें और उनसे खुलकर बात करें. इससे बच्चे आपसे अपनी परेशानी शेयर कर पाएंगे और आपको पेरेंटिंग में काफी मदद मिल सकेगा. सभी पेरेंट्स को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और उनका शेड्यूल बेहतर करने की कोशिश करनी चाहिए. बच्चों को आप खुलकर जीने दें और सही रास्ता दिखाएं. इससे उनकी मेंटल हेल्थ बेहतर होगी और वे सही गलत का फैसला कर पाएंगे।
मोबाइल के दुष्प्रभाव के बचाव –
1.तनाव का उचित प्रबंधन करें।
2.अकेले न रहें, लोगों के बीच रहें और बातचीत करते रहें।
3.सामाजिक नियमों को जीने का प्रयास करें।
4.सकारात्मक सोच रखें।
5.रोगियों से तत्काल मोबाइल फोन न छीनें, उन्हें सकारात्मक वीडियो देखने के लिए प्रेरित करें।
6.बच्चों को मोबाइल फोन दिए हैं तो उन पर नजर रखें कि वे क्या कर रहे हैं।
इन दिनों स्मार्टफोन व मोबाइल फोन लोगों पर हावी होते जा रहे हैं। युवा ही नहीं, बल
जिन लोगों को स्मार्टफोन की लत लगी होती है, वे बार- बार अपना फोन चेक करते हैं, फोन बंद होने पर या कहीं रखकर भूल जाने पर वे लोग बेचैन हो जाते हैं। ऐसे लोग कुछ घंटे भी बिना फोन के चैन से नहीं रह पाते हैं। आइए, आपको बताते हैं कि स्मार्टफोन की लत कैसे छुड़ाएं-
1. जिस जेब व पर्स के पॉकेट में आप फोन रखते हैं। रखती हैं, उसकी जगह कुछ दिन बदल दें, इससे वह आपके हाथों में आने से बचेगा और हो सकता है कि इस बीच आप किसी और काम में व्यस्त हो जाएं।
2. स्मार्टफोन की सेटिंग्स में जाकर नोटिफिकेशन बंद कर दें। इससे बार-बार आपका ध्यान फोन की नोटिफिकेशन बीप बजने पर नहीं जाएगा। यदि किसी को आपसे कोई जरूरी काम होगा तो वह आपको सीधे कॉल कर लेगा।
3. दिन के कुछ घंटे आप अपना डाटा ऑफ़ रखें यानी कि इंटरनेट बंद रखें। इससे आपका मन बार-बार फोन देखने के लिए नहीं ललचाएगा और बैटरी की भी बचत होगी।
4. अपने फोन को चेक करने का समय निश्चित करें, उसी दौरान आप सभी अपडेट्स देख लें, बार-बार देखने से भी आपके काम की ज्यादा अपडेट्स आ जाएगी, ऐसा तो होने से रहा।
5. पक्का मन बना लें कि सुबह उठते ही कुछ घंटे फोन से दूर रहेंगे और रात को सोने के कुछ घंटे पहले ही फोन को दूर रख देंगे।
6. जब आप फोन से थोड़ी दूरी बनाकर चलेंगे तो स्वतः ही आपका मन दूसरे पसंदीदा कामों में लगने लगेगा, साथ ही आप कई अन्य तरह की परेशानियों से भी बच जाएंगे।