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Maratha Reservation Protests A Timeline Of Long-Drawn Political-Legal Battle Eknath Shinde Meeting

Maratha Reservation: A Timeline Of Long-Drawn Political-Legal Battle

The push for Maratha reservations is not new and has been going on for four decades

Mumbai:

The fresh wave over the Maratha quota demand in Maharashtra has once again put the spotlight on the complex politics of the reservation. Pro-Maratha quota protesters vandalised the house of Maharashtra lawmaker Prakash Solanke’s home in Beed district and set it on fire Monday morning.

The angry mob also targeted an office of the Nationalist Congress Party (NCP), prompting the authorities to tighten the security in Beed and parts of the Marathwada region amid the renewed violence.

Chief Minister Eknath Shinde, who chaired an all-party meeting today to discuss the fresh wave of statewide protests, said the Maharashtra government is in favour of the Maratha quota. Mr Shinde said that reservation should be given to the Maratha community without tampering with the existing quotas of other communities in the state.

The meeting which was attended by NCP veteran Sharad Pawar, and Congress leader Ashok Chavan among others passed a unanimous resolution to improve the law and order situation in the state.

However, the demand for Maratha reservations is not new and the push for it has been going on for four decades. Here, we chart the Maratha quota issue over the years.

When Did the Maratha Quota Protests Start?

Marathas, who constitute nearly 33% of the state’s population, have been demanding the reservation in education and government jobs.

It was in the year 1981 when the state saw its first protests demanding the Maratha reservation under the leadership of the Mathadi Labour Union leader Annasaheb Patil.

The community has been seeking Kunbi caste certificates for Marathas which will enable their inclusion in the OBC category for reservation. Kunbis, who are associated with agriculture, are grouped under the OBC (Other Backward Classes) category in Maharashtra.

In 2014, when the Congress was in power in the state, the government brought an ordinance pronouncing 16 per cent reservation to Marathas. The Maharashtra government gave its nod to the Maratha quota under a special provision in 2018- Socially and Educationally Backward Class Act.

High Court Verdict In 2019

In June 2019, the Bombay High Court upheld the constitutional validity of the Maratha quota. The court reduced it to 12 per cent in education and 13 per cent in government jobs.

Two years later, the Supreme Court struck down the provisions of Maharashtra law providing reservation to the Maratha community, which granted reservation to the Maratha community, for violating the 50 per cent quota limit.

In 2022, the Supreme Court upheld the 10 per cent quota for the Economically Weaker Sections. In April this year, the Supreme Court turned down Maharashtra’s government review plea.

In 2023

In the wake of the recent flare-ups, former Chief Minister Uddhav Thackeray demanded that the centre resolve the issue of the Maratha reservation by calling a special session of Parliament.

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राजस्थान में सर्दी की छुट्टियां घोषित: 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक स्कूल रहेंगे बंद

असमंजस की स्थिति खत्म, 25 दिसंबर से शीतकालीन अवकाश घोषित – SCHOOL WINTER HOLIDAYS

राजस्थान के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक होगा. शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की.

जयपुर : राजस्थान में शीतकालीन अवकाश शिविरा पंचांग के अनुसार 25 दिसंबर से ही शुरू होंगे. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस संबंध में आधिकारिक घोषणा कर दी है. बढ़ती सर्दी को ध्यान में रखते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूलों में यह अवकाश रहेगा. शिविरा पंचांग के अनुसार शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक होगा.दरअसल, अगस्त में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा था कि कड़ाके की सर्दी पड़ने पर स्कूलों में अवकाश का निर्णय लिया जाएगा. हालांकि, शिविरा पंचांग में अवकाश की तिथि पहले ही निर्धारित थी, जिससे छात्रों और अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति थी. अब शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अवकाश 25 दिसंबर से शुरू होगा.

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