प्रभु श्री राम की पावन जन्मभूमि अयोध्या में बनाए जा रहे श्री राम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण पतिष्ठा को स्थापित किया जाएगा।
स्थापना से पहले रामलला का जल से अभिषेक किया जाएगा। जलाभिषेक के लिए तीर्थ नदियों का पवित्र जल एकत्रित किया जाएगा। जल एकत्रित करने के लिए रथ का निर्माण किया गया है,यह रथ 75 नदियों तथा तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हुऐ जल एकत्रित कर अयोध्या पहुंचेगा।
इस रथ का निर्माण कलाकार महेंद्र अडानी ने 15 दिन में किया,अडानी ने निर्माण करने से पहले तुलसी पीठाधीश्वर पद्मभूषण रामनंदाचार्य और स्वामी रामभद्राचार्य को अपने रथ का नक्सा और आइडिया शेयर किया था,दोनो गुरुओं को यह पसंद आया था और उन्होंने अडानी को अप्रूवल दे दिया जिसके पश्चात रथ का निर्माण कार्य शुरू कर 15 दिन में रथ को तैयार किया।
इस रथ में प्रभु श्री राम,माता सीता और भक्त हनुमान की प्रतिमाएं बनाई गई हैं, इसके अलावा रथ में वानरों की सेना को भी बैठाया गया है। रथ में एक कलश का भी निर्माण किया गया है, इसके बाहरी आवरण में पंच धातुओं से बने 75 छोटे कलश भी बनाए गए हैं।
21 नवंबर को यूपी के रामभद्राचार्य,आश्रम के सेवादार इंदौर पहुंच गए और वहा से 23 नवंबर को अनुमति के दस्तावेजों के साथ रथ लेकर यूपी रवाना हो गए। रथ 24 नवंबर को बीकानेर पहुंच जाएगा। वहा मोदी जी के गुरु तुलसी पीठाधीश्वर रामनंदाचार्य और स्वामी रामभद्राचार्य महाराज 26नवंबर को रथ को चित्रकूट के लिए रवाना कर देंगे। रथ देशभर में 26 km की यात्रा 60 दिन में पूरी करके अयोध्या पहुंच जाएगा।
राज्यों के इन शहरों की मंदिरों से गुजरेगा रथ -:
गुजरात के अक्षरधाम मंदिर अहमदाबाद, रामकृष्ण आश्रम राजकोट,द्वारकाधीश मंदिर,स्वामी नारायण मंदिर राजकोट, इस्कान मंदिर वड़ोदरा से
राजस्थान के सालासर हनुमान मंदिर, मेंहदीपुर बालाजी, कैलादेवी मन्दिर से
उत्तरप्रदेश के गंगा,यमुना,मनसा देवी मन्दिर, हनुमान मन्दिर और रामगंगा नदी मुरादाबाद, गोरखनाथ मन्दिर गोरखपुर, कृष्ण जन्म भूमि मथुरा, गोवर्धन, राधा कुंड,श्याम कुंड से
दिल्ली हरियाणा के स्थानेस्वर महादेव मन्दिर कुरुक्षेत्र, हनुमान मंदिर कनाट पैलेस दिल्ली, कालका व झंडेवाल मंदिर, कलजा धाम हनुमान मंदिर हिसार, दशरथ तीर्थ तथा सूर्य कुंड से
महाराष्ट्र के सप्तशृंगी,राममंदिर,पंचवटी,रामकुंड नासिक, त्र्यंबकेश्वर गणेश मंदिर,बाबुल नाथ व सिद्धविनायक मुंबई, भीमा शंकर मंदिर,दगडू सेठ गणपति पुणे,महालक्ष्मी मंदिर कोल्हापुर,श्री अंजनेय स्वामी मंदिर दवानगेरे,श्री बालाजी मंदिर नांदेड़,गणेश मंदिर यवतमाल,पोदारेश्वर राममंदिर नागपुर,हाटकेश्वर महादेव मंदिर नागपुर से
दक्षिण भारत के शिवोहम शिव मंदिर बंगलुरु, रामेश्वर व अग्नितीर्थम, श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर वेल्लूर, तिरुपति व पद्मावती मंदिर,पांडुरंग स्वामी मंदिर नंदयाला, बिडला मंदिर हैदराबाद, जगन्नाथ मंदिर,लोकनाथ मंदिर,विमला मंदिर, साक्षी गोपाल मंदिर पूरी, सूर्य मंदिर,विष्णु पद मंदिर गया, पटना साहिब गुरुद्वारा व हनुमान मंदिर समेत सरयू, सरस्वती, कालिंदी, कावेरी रामगंगा, कोसी नदी, ब्रम्हासरोवर थानेसर से रामलला के जलाभिषेक के लिए जल एकत्रित किया जाएगा।
नर्मदा नदी के जल एकत्रण को लेकर अभी कोई स्पष्टता नहीं है। महाकाल मंदिर, राम मंदिर,कालभैरव मंदिर उज्जैन, खजराना गणेश मंदिर इन्दौर,ओंकारेश्वर मंदिर,महेश्वर मंदिर, पीतांबरा पीठ,धूमावती व परशुराम हनुमान मंदिर दतिया, राजाराम मंदिर,कृष्णा मंदिर,पाताल हनुमान मंदिर ओरछा आदि तीर्थ स्थलों के नाम प्रारंभिक सूची में शामिल हुए हैं।