पंचायतीराज रिक्त पदों के उप चुनाव वाले क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू
Jalore news:जिला मजिस्ट्रेट ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रमानुसार जिले में पंचायतीराज संस्थाओं में सरपंच व वार्ड पंच के उप चुनाव को शांतिपूर्वक, स्वतन्त्र, निष्पक्ष एवं सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न करवाने की दृष्टि से दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत संबंधित क्षेत्रों में निषेधाज्ञा जारी की है।
अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रमानुसार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायतीराज संस्थाओं के रिक्त पदों पर उप चुनाव माह जनवरी, 2024 के लिए घोषित कार्यक्रम के तहत जालोर जिले में आहोर पंचायत समिति की हरजी ग्राम पंचायत तथा सांचौर जिले में बागोड़ा पंचायत समिति की राह ग्राम पंचायत में सरपंच तथा आहोर पंचायत समिति की बिठूडा ग्रा.पं. के वार्ड सं. 6 एवं सायला पंचायत समिति की तालियाना ग्रा.पं. के वार्ड सं. 9 में वार्ड पंच के उप चुनाव करवाये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि उप चुनाव को शान्तिपूर्वक, स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न कराने एवं संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में सभी वर्गों के मतदाता बिना किसी आतंक एवं भय के अपने मताधिकार का प्रयोग स्वतंत्र होकर कर सकें, इसके लिए असामाजिक, अवांछित एवं समाज विरोधी तत्वों की गैर कानूनी गतिविधियों को नियन्त्रित करने तथा कानून व्यवस्था एवं लोक शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित रिक्त पदों के उप चुनाव को देखते हुए दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जालोर जिले में पंचायतीराज संस्थाओं में सरपंच व वार्ड पंच के रिक्त पदों के उप चुनाव माह जनवरी, 2024 चुनाव के घोषित कार्यक्रम 26 दिसम्बर, 2023 से मतगणना समाप्ति तक निषेधाज्ञा लागू की गई है।
उन्होंने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी निषेधाज्ञा की धारा-144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्देश दिए गये हैं कि पंचायतीराज संस्थाओं में सरपंच व वार्ड पंच के रिक्त पदों के उप चुनाव समाप्ति सीमा तक के भीतर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ, घातक रासायनिक पदार्थ, आग्नेय शस्त्र जैसे रिवोल्वर, पिस्टल, राईफल, बन्दूक, (एम.एल.गन एवं बी.एल.गन) आदि एवं अन्य घातक हथियार जैसे गण्डासा, फर्सा, तलवार, भाला, कृपाण, चाकू, छुरी, बर्छी, गुप्ती, कटार, धारिया, बाघनख (शेर पंजा) जो किसी भी धातु का बना हो आदि तथा विधि द्वारा प्रतिबन्धित हथियार और मोटे घातक हथियार, लाठी आदि सार्वजनिक स्थानों पर धारण कर न तो घूमेगा, न ही प्रदर्शन करेगा और न ही प्रयोग करेगा।
उन्होंने बताया कि यह आदेश ड्यूटी पर तैनात सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस, राजस्थान सिविल पुलिस, चुनाव ड्यूटी में तैनात सैनिक, अर्द्धसैनिक बल, होमगार्ड एवं चुनाव ड्यूटी में मतदान केन्द्रों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। सिक्ख समुदाय के लोगां को धार्मिक परम्परा के अनुसार कृपाण धारण करने की छूट होगी। यह आदेश शस्त्र अनुज्ञापत्र नवीनीकरण के लिए आदेशानुसार शस्त्र निरीक्षण करवाने अथवा शस्त्र पुलिस थाने में जमा कराने के लिए ले जाने पर लागू नहीं होगा। इसके अलावा वृद्ध, अपाहिज एवं बीमार व्यक्ति जो बिना लाठी के सहारे नहीं चल सकते है, लाठी का उपयोग चलने में सहारा लेने के लिए कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि उपखण्ड मजिस्ट्रेट की पूर्वानुमति के बिना कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रयोजन के लिए जुलूस, रैली, सभा, धरना आदि का आयोजन नहीं करेगा तथा पूर्वानुमति के बिना ध्वनि विस्तारण यंत्र का प्रयोग नहीं करेगा। विशेष परिस्थितियों में ध्वनि विस्तारण यंत्र के उपयोग के लिए आज्ञा सक्षम अधिकारी द्वारा प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक दी जा सकेगी किन्तु अनुमति इस प्रकार नहीं दी जाएगी कि जिससे यातायात व्यवस्था, लोकसुविधा एवं लोकशान्ति विक्षुब्ध हो किन्तु यह प्रतिबन्ध बारात एवं शव यात्रा पर लागू नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले तथा उत्तेजक नारे नहीं लगाएगा, न ही ऐसा कोई भाषण या उद्बोधन देगा और न ही ऐसे किसी पेम्पलेट, पोस्टर या अन्य प्रकार की चुनाव सामग्री छापेगा या छपवायेगा, न ही वितरण करेगा या वितरण करवायेगा और न ही एम्पलीफायर, रेडियो, टेप रिकॉर्डर, लाउडस्पीकर, ऑडियो- विडियो कैसेट, सीडी या अन्य किसी दृश्य-श्रव्य इलेक्ट्रोनिक साधनों या इन्टरनेट व सोशल मीडिया के माध्यम से इस प्रकार का प्रचार-प्रसार करेगा अथवा करवायेगा और न ही ऐसे कृत्यों के लिए किसी को दुष्प्रेरित करेगा। किसी भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति के समर्थन या विरोध में निजी एवं सार्वजनिक या राजकीय सम्पत्तियों पर किसी भी तरह के नारे लेखन या चुनाव प्रतीकों का चित्रण नहीं करेगा, और नहीं किसी तरह के पोस्टर, होर्डिंग आदि लगायेगा और न ही सार्वजनिक या राजकीय सम्पत्तियों को विरूपित करेगा।
उन्हांने बताया कि संबंधित क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थान पर मादक पदार्थो का सेवन नहीं करेगा, न ही अन्य किसी को सेवन करायेगा, न ही अन्य किसी को दुष्प्रेरित करेगा तथा अधिकृत विक्रेताओं के अलावा कोई भी व्यक्ति निजी उपयोग के अलावा अन्य उपयोग के लिए सार्वजनिक स्थलों में मदिरा लेकर आवागमन नहीं करेगा और न ही किसी को इसके लिए दुष्प्रेरित करेगा तथा सूखा दिवस पर मदिरा विक्रय पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा। इस दौरान राजस्थान पंचायतीराज संस्थाओं (वाहनों एवं लाउड स्पीकरों के उपयोग तथा पोस्टरों, बैनरों आदि के प्रदर्शन पर प्रतिबंध), आदेश 2009 की पूर्ण पालना सुनिश्चित की जायेगी।
संबंधित क्षेत्रों में मंदिरों, मस्जिदों, गिरिजाघरों, गुरूद्वारों या अन्य धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार मंच के रूप में नहीं किया जायेगा। मतदाताओं को वाहनों से मतदान केन्द्रों तक लाने-ले जाने पर पूर्णतः रोक रहेगी। मतदान दिवस के दिन मतदान केन्द्रों से 200 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी प्रकार के मोबाईल फोन, सेलफोन, वायरलेस का उपयोग नहीं करेगा एवं न ही लेकर चलेगा किन्तु यह प्रतिबंध चुनाव ड्यूटी पर कार्यरत कार्मिकों, अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों पर लागू नहीं हेगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता का पूर्णतया पालन करना होगा। कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार तथा अन्य प्राधिकारी द्वारा समय समय पर जारी निर्देशों की पूर्ण पालना करनी होगी। यह आदेश 26 दिसम्बर, 2023 को लोकसूचना जारी करने से निर्वाचन प्रक्रिया समाप्ति तक प्रभावी रहेगा।
उन्होंने बताया कि इस निषेधाज्ञा की अवहेलना व उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के तहत दंडित किया जा सकेगा ।