टीकाराम जूली राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाकर कांग्रेस ने खेला दलित कार्ड
जयपुर। जयपुर: कांग्रेस हाईकमान ने नेता प्रतिपक्ष का चयन कर दिया है। अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली को विपक्ष का नेता यानी नेता प्रतिपक्ष मनोनीत किया गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जूली की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। जूली दलित समाज से आते हैं। वे तीसरी बार विधायक बने हैं। इस बार जूली ने 27333 मतों से जीत हासिल की थी। साथ ही प्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी गोविंद सिंह डोटासरा के पास ही रहेगी। बता दें करीब एक महीने से कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष को लेकर खींचतान चल रही थी। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नरेंद्र बुढ़ानिया, महेंद्र जीत सिंह मालवीय और सचिन पायलट के नाम चर्चा में थे। सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाए जाने के बाद से ही रेस से बाहर हो गए थे। ऐसे में माना जा रहा था कि सचिन पायलट गुट के मुरारी लाल मीणा नेता प्रतिपक्ष बन सकते हैं। लेकिन माना जा रहा है गहलोत गुट ने इसका विरोध कर दिया। टीकाराम जूली गहलोत गुट के माने जाते है। दलित वर्ग से आते है। गहलोत सरकार में श्रममंत्री औऱ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रहे है।
भंवर जितेंद्र ने सुझाया जूली का नाम
नेता प्रतिपक्ष पद के लिए पिछले कई दिनों से कांग्रेस हाईकमान मंथन कर रहा था। पिछले दनों पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने टीकाराम जूली का नाम आगे किया था। उन्होंने एक दलित नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की पैरवी की। जूली पूर्व सीएम अशोक गहलोत खेमे के नेता हैं। इस नाम पर गहलोत का समर्थन भी मिल चुका है।
27333 वोटों से जीते टीकाराम जूली
टीकाराम जूली अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस बार जूली 27333 मतों से चुनाव जीते। जूली को 108584 वोट मिले जबकि भाजपा प्रत्याशी जयराम जाटव को 81251 वोट मिले। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी जूली ने भाजपा प्रत्याशी मास्टर रामकिशन को 26477 वोटों से हराया था। गहलोत सरकार में जूली कैबिनेट मंत्री रहे हैं। अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट से टीकाराम जूली तीसरी बार विधायक चुने गए हैं।
जिला परिषद सदस्य से शुरू हुआ राजनैतिक सफर
टीकाराम जूली अलवर जिले के बहरोड विधानसभा क्षेत्र के काठूवास गांव के रहने वाले हैं। यह गांव तीन तरफ से हरियाणा से सटा है। ऐसे में टीकाराम की स्कूली शिक्षा हरियाणा में हुई। जिला परिषद के चुनाव के जरिए जूली ने राजनीति में एंट्री की। जिला परिषद सदस्य बनकर वे अलवर के जिला प्रमुख बने। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। साधारण परिवार में जन्मे टीकाराम जूली मिलनसार व्यवहार के साथ कुशल प्रबंधन के धनी है। पार्टी में लगातार 25 साल तक एक्टिव रहने वाले जूली को अब बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
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