UPSC SUCCESS STORY: Hindi news जानिए यूपीएससी के 10 आईएएस,आईपीएस टॉपर्स के संघर्ष की कहानी
आज हम आपको UPSC के 10 टॉपर्स के संघर्ष के बारे में बताएंगे की उन्होंने कितनी विषम परिस्थितियों में भी हिम्मत नही हारी और किस तरह के उनका मुकाबला किया।
UPSC TOPPERS: आपके लिए हम यूपीएसी परीक्षा पास करने वाली एक शख्सियत की कहानी लाते है. आज की इस स्टोरी के जरिए हम आपको 10 ऐसे लोगों से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने ये परीक्षा पास कर मुकाम हासिल किया.इस खबर के जरिए आप जानेंगे देवयानी सिंह, कुलदीप द्विवेदी, सौम्या शर्मा, सौम्या पांडे, राम्या सीएस, वरुण बरनवाल, मनोज कुमार, अभिनव जैन, प्रदीप सिंह, श्वेता अग्रवाल के संघर्ष को. हर एक कैंडिडेट का संघर्ष अलग है. हर शख्स की अपनी कहानी है. हर एक कहानी का कोई न कोई हिस्सा है जो हमें प्रेरित करता है.
1- हफ्ते में दो दिन की पढ़ाई से यूपीएससी में मिली 11वीं रैंक- देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी (UPSC) पास करना किसी बड़े चैलेंज सा है. लेकिन हरियाणा की देवयानी सिंह (Devyani Singh) ने इस चैलेंज को हफ्ते में दो दिन की पढ़ाई कर पूरा किया. देवयानी को लगातार तीन बार यूपीएससी में फेल होने के बाद चौथे प्रयास में सफलता मिली. साल 2015 और 2016 में देवयानी, यूपीएससी प्रीलिम्स (UPSC Prelims) भी क्लियर नहीं कर पाई थीं. जबकि साल 2017 में तीसरे अटेंप्ट में वो इंटरव्यू राउंड तक तो पहुंच गई, लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आया. हालांकि देवयानी ने हार नहीं मानी और साल 2018 में अपने चौथे अटेंप्ट में 222वीं रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर ली.
2- सिक्योरिटी गार्ड के बेटे ने बिना कोचिंग के निकाला यूपीएससी- कुलदीप द्विवेदी बेहद सामान्य परिवार से हैं. बचपन में उनके घर की आर्थिक स्थिति भी कमजोर थी. जिस वजह से उनके पिता सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे, साथ ही खेतों में भी काम करना पड़ता था. उनके पिता की सैलरी उस समय केवल 1100 रुपए थी. कुलदीप इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन कर के 2011 में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद वे सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए. आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते कई बार उन्हें किताबें उधार लेकर पढ़ाई करनी पड़ती थी. कुलदीप द्विवेदी ने बिना कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी कर 2015 में 242वीं रैंक हासिल की. आज वह एक आईआरएस ऑफिसर हैं.
3- 16 साल की उम्र में खोई सुनने की शक्ति, पहले प्रयास में बनी IAS Topper- दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा (IAS Saumya Sharma) 16 साल की उम्र में सुनने की क्षमता खो चुकी थी. उन्होंने बिना कोचिंग के UPSC की परीक्षा में ऑल इंडिया में 9वीं रैंक हासिल की थीं. सुनने के लिए हियरिंग एड पर निर्भर रहना पड़ा. सौम्या परीक्षा के दिन वायरल फीवर से पीड़ित थी. वह 23 वर्ष की थी जब उन्होंने वर्ष 2017 में सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण की और बिना किसी कोचिंग के IAS अधिकारी बन गई.
4- पहले अटेम्प्ट में बनीं IAS, टॉप किया था यूपीएससी- आईएएस सौम्या पांडे 2016 बैच की हैं. उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया था. सौम्या के 10वीं क्लास में 98 फीसदी और 12वीं क्लास में 97.8 फीसदी मार्क्स थे. इसके अलावा वह इंजीनियरिंग कॉलेज में भी गोल्ड मेडलिस्ट रही थीं. 2016 में परीक्षा दी थी. 2017 में रिजल्ट आया. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के रिजल्ट की पीडीएफ फाइल डाउनलोड कर ली थी. लेकिन सीधे अपना नाम देखने की हिम्मत नहीं हो रही थी. तभी मां ने कहा कि ऐसा करो कि तुम अपना नाम नीचे से देखना शुरू करो. नाम नहीं दिखा तो मां से बोली कि अगली और अच्चे से तैयारी करूंगी और पक्का क्लीयर करूंगी. लेकिन मां ने कहा कि एक बार ऊपर से भी अपना नाम चेक कर लेते हैं. देखते हैं कि कौन टॉप किया है.
5- डेटा एंट्री की नौकरी की, 6 बार UPSC परीक्षा देने के बाद बनीं IAS- राम्या सीएस के लिए यूपीएससी का सफर बहुत मुश्किल था. इन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम अपने पहले, दूसरे, तीसरे या चौथे प्रयास में नहीं, बल्कि छठे प्रयास में पास की. राम्या सीएस तमिलनाडु के कोयम्बटूर जिले से हैं. राम्या सीएस ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2021 में अखिल भारतीय रैंक (AIR) 46 हासिल की. राज्य स्तर पर, उन्होंने दूसरी रैंक हासिल की है. सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए, राम्या ने 2017 में बेंगलुरु स्थित एक इंस्ट्रूमेंटेशन कंपनी में नौकरी छोड़ दी. छठे प्रयास तक एग्जाम देने का जज्बा कायम रखा. आईएएस राम्या सीएस ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान कमाने के लिए डेटा एंट्री और डेटा कलेक्शन की नौकरियां कीं.
6- लगाता था साइकिल में पंक्चर, फिर बना आईएएस अफसर- वरुण बरनवाल यूपीएससी की परीक्षा 2016 में पास कर 32वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बने. वरुण के पिता साइकिल रिपेयरिंग की दुकान चलाते थे. वे 2006 में दुनिया को अलविदा कह गए. पिता की दुकान की जिम्मेदारी वे संभालने लगे. तब वरुण बरनवाल ने 10वीं की परीक्षा में टॉप किया था. पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया. मां ने पढ़ने का मौका दिया. एमआईटी कॉलेज पुणे से स्कॉलरशिप मिली. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिली. फिर यूपीएससी की तैयारी में दोस्तों ने मदद की, एनजीओ से किताबें पाई, फिर तैयारी कर परीक्षा पास की.
7- 12वीं फेल हुए, टेंपो चलाया, भिखारियों के साथ सोए और बन गए आईपीएस- मध्य प्रदेश के आईपीएस मनोज कुमार शर्मा ने जिंदगी में कई दुश्वारियों का सामना करते हुए कामयाबी हासिल की. नका बचपन काफी तंगी में गुजरा. वह पढ़ाई-लिखाई में भी बहुत अच्छे नहीं थे. लेकिन गर्लफ्रेंड से किया वादा पूरा कर के एग्जाम पास किया. आईपीएस मनोज शर्मा को 12वीं में एक लड़की से प्यार हो गया था. लेकिन इजहार नहीं कर पाए थे. डर था कि एकतरफा प्यार खत्म न हो जाए. बाद में यह कहते हुए प्रपोज किया कि ‘तुम हां कह दो, तो मैं पूरी दुनिया को पलट दूंगा’. बाद में इसी लड़की से उन्होंने शादी की. उनकी पत्नी का नाम श्रद्धा है. मनोज तीन बार यूपीएससी परीक्षा में नाकाम रहे. चौथे प्रयास में 121वीं रैंक हासिल करके आईपीएस बने. इस वक्त वह मुंबई में एडिशनल कमिश्नर पद पर तैनात हैं.
8- तीन बार UPSC में फेल, चौथी बार में बना अफसर- यूपीएससी टॉपर अभिनव जैन अपनी मेहनत के बलबूते पर साल 2021 में परीक्षा दी, जिसका रिजल्ट 2022 में आया, चौथे अटेंप्ट में इस परीक्षा को पास कर लिया 14वी रैंक हासिल की. होटल में नौकरी छोड़कर 2017 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी और इंटरव्यू तक पहुंच गए, लेकिन फाइनल लिस्ट में महज 5 नंबरों से चूक गए. 2018 में दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी और प्री क्लियर कर लिया. 2019 में तीसरी बार परीक्षा में बैठे और इस बार इंटरव्यू तक पहुंच गए, लेकिन एक बार फिर किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह एक नंबर से चूक गए.
9- YouTube से की UPSC की तैयारी और बन गए IAS- प्रदीप सिंह ने एसएससी के जरिये टैक्स की नौकरी करते हुए यूपीएससी की तैयारी नहीं छोड़ी और आखिरकार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में नंबर-1 रैंक हासिल की. प्रदीप ने यूपीएससी की तैयारी नौकरी करते हुए की. इस दौरान उन्होंने जहां भी टाइम मिला, उसका इस्तेमाल किया. यहां तक कि ऑफिस आने जाने के दौरान यूट्यूब के माध्यम से पढ़ाई की. ऑफिस में लंच के दौरान पढ़ाई की. हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले प्रदीप सिंह ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में ऑल ओवर इंडिया नंबर-1 रैंक पाई थी.
10- ग्रॉसरी बेचने वाली की बेटी बनी IAS- यह कहानी है आईएएस अधिकारी श्वेता अग्रवाल की. श्वेता अग्रवाल ने 2015 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की थी. श्वेता अग्रवाल ने कई बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक की. पहली बार उनकी 497वीं रैंक थी. उन्हें आईआरएस सर्विस मिली थी.2015 में रैंक आई 141. इस बार भी आईएएस पद नहीं मिला. 2016 में ऑल इंडिया 19वीं रैंक के साथ वह आईएएस अधिकारी बनी